Happy Basant Panchami 2023 : बसंत पंचमी
बसंत पंचमी वास्तव में विद्यार्थियों का त्योहार के रूप में मनाई जाती है। यह माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवी तिथि के दिन मनाई जाती है। जो कि हिंदू के पंचांग के हिसाब से होता है। इस दिन विद्या से जुड़े हुए अनेक स्कूल, कॉलेजों और अन्य इंस्टीट्यूशंस में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं।पंचमी से ही लोग होली की तैयारी भी शुरू कर देते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में बसंत पंचमी अलग अलग तरीके से मनाई जाती है। कही बसंत पंचमी को फसल काटने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है तो कहीं यह विद्यार्थियों द्वारा पूजित होती है। देश के कई राज्यों में माताएं अपने बच्चों को तो मंदिर ले जाकर उनसे विद्या के वरदान की प्रार्थना करती है।इस वर्ष बसंत पंचमी 25 जनवरी से 26 जनवरी के बीच में पड़ रही है। आपके क्षेत्र में इस त्योहार के लिए उचित मुहूर्त के लिए योग्य पंडित या पुरोहितों का मार्गदर्शन अवश्य लीजिये।
बसंत पंचमी का इतिहास
बसंत पंचमी के बारे में कई जनश्रुति है लेकिन सबसे अधिक कालिदास की विद्या ग्रहण के रूप में जाना जाता है। इस कथा के अनुसार कालिदास बहुत ही सामान्य किस्म के व्यक्ति थे। जिनका विवाह एक राजकुमारी से हो गया था। जो की उनको बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, ना ही उनको कोई सम्मान करती थी। राजकुमारी को लगता था यह व्यक्ति उनके सुयोग्य वर नहीं है केवल उनके दास के बराबर ही है। क्योंकि उसके पास कोई भी विद्या या निपुणता नहीं थी। जो उसे श्रेष्ठ साबित कर सके।
दिन प्रतिदिन की इस दुर्व्यवहार से तंग आकर काली दास जी ने अपने जीवन का अंत करना ही श्रेयस्कर समझा। और सबसे दूर जाकर नदी किनारे पहुँच गए। वह भगवान की प्रार्थना कर कर नदी में छलांग लगाने के लिए तैयार हो गए। कहते है उसी समय विद्या की देवी। सरस्वती ने उनको दर्शन दिया और उनसे। उस नदी के पानी में डुबकी लगाने को कहा। जो काली दास जी ने नदी में के पानी में डुबकी लगाई। और सिर्फ बाहर किया। तो उनको बहुत सारी ज्ञान और विद्या की जानकारी स्वतः ही हो गई। यह दिन बसंत पंचमी के नाम से मनाया जाता है। जो कि विद्यार्थियों में काफी प्रचलित है।