26 Jan 23 : गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस की धूम धाम परेड देखना और बच्चो को स्कूल जाते हुए ढेर सारे। राष्ट्रीय गीतों से ओतप्रोत होना, हर वर्ष 26 जनवरी का अपना ही मज़ा है। वैसे तो 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन बहुत से लोगों को यह मालूम नहीं रहता कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में क्या अंतर है ! इस साल भारत देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस। पावन अवसर पर हर साल एक शानदार परेड इंडिया गेट से होते हुए राष्ट्रपति भवन तक राजपथ मार्ग पर आयोजित की जाती है। तो हमारे दिमाग में हमेशा ये प्रश्न आ सकता है की 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ? वैसे तो बहुत सारी कहानियाँ हैं लेकिन क्योंकि इस दिन भारत देश का संविधान लागू हुआ था। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
History of 26th Jan
भारत देश के अंतिम वायसराय लाउड माउंटेन माउंटबेटन वैसे तो भारत देश को 15 अगस्त को ही इन डिपेंडेंट घोषित कर दिया था। भारत देश डिपेंडेंट हो गया था परन्तु उसके संचालन के लिए कोई संविधान नहीं था। अतः इसके लिए संविधान कमेटी बनाई गई और उसने 15 अगस्त 1947 के बाद से संविधान लिखना शुरू किया, बहुत सारी बातें पर विचार किया गया। और अंतता 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान पूरा हो गया जो कि। 26 जनवरी 1950 को भारत में लागू हो गया था। यही कारण है की 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
भारत के संविधान में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का भी योगदान बहुत रहा है। उनको भारतीय संविधान का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। बहुत सारी बहस और संशोधनों, उसके बाद 308 मेंबर की कमेटी ने संविधान का दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। जो कि 24 जनवरी 1950 का दिन था। और आखिरकार हमारे देश भारत को अपना खुद का एक संविधान प्राप्त हुआ, जिसपर आज हम गर्व करते हैं।
पंडित जवाहर लाल नेहरू जहाँ भारत देश के पहले प्रधानमंत्री बने वहीं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। 26 Jan 1950 को ही डॉक्टर राजेंद्र सात राष्ट्रपति भवन सी ही उन्होंने पहली बार आर्मी से सैल्यूट लिया और उनको गार्ड ऑफ ऑनर पहली बार दिया गया। इसी दिन सारे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से चयनित और योग्य लोगों को पुरस्कृत किया जाता है। इस वर्ष 23 जनवरी 2023 को ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के उपलक्ष में सभी लोगों का चयन किया गया और 26 जनवरी को उन्हें पुरस्कृत किया गया।
परेड और झांकी
इस वर्ष 26 जनवरी की परेड में पांच मध्य एशियाई देश गणतंत्र दिवस समारोह, 2022 के लिए मुख्य अतिथि होंगे। भारत ने 26 जनवरी 2022 समारोह के लिए कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान को आमंत्रित किया है, हमारे मुख्य अतिथि के रूप में परेड समारोह देखने में शामिल हुए। 26 जनवरी की परेड में भारतीय सेना के वीर अति उत्साह के साथ भाग लेते हैं और परेड में अपने शौर्य और पराक्रम से लोगों का मन मोह लेते हैं। यह परेड और झांकी केवल देखने या दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि दुश्मनों के दिलों में कहीं न कहीं डर पैदा कर देती है।